Saturday, December 27, 2014

Hindu boy marries Muslim girl amidst controversies

मियां बीवी राज़ी, बवाल करे 'काज़ी'

  • 3 दिसंबर 2014
गौतम की ग़लती महज इतनी है कि उन्होंने अपने बचपन के प्यार अनशिदा के साथ शादी की है. अनशिदा मुसलमान है.
ये शादी कोझिकोड स्पोर्ट्स काउंसिल हाल में स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत 8 अक्टूबर, 2014 को हुई. इसके पहले गौतम और अनशिदा 11 महीने तक घर बार से बाहर छुपते रहे.
अनशिदा के पिता अज़ीज ने केरल उच्च न्यायालय में इस शादी को अवैध ठहराने की अर्जी दाख़िल की थी, जिसे अदालत ने खारिज़ कर दिया.

शादी का जश्न

इसके बाद ही गौतम के घर वालों ने बुधवार को अपने घर पर शादी का जश्न मनाने का फ़ैसला लिया है.
लेकिन इसने गौतम के पिता सुधाकरण और मां जालजा के लिए नई मुश्किलें पैदा कर दी हैं. धमकी भरे फ़ोन आने का सिलसिला थम नहीं है. उन्हें केरल से लेकर मध्य पूर्व एशियाई देशों तक से फ़ोन आए हैं.
उन्हें धमकी दी जा रही है कि अगर दो महीने के अंदर गौतम ने इस्लाम नहीं कबूला तो उसकी हत्या कर दी जाएगी. इसके बाद सोशल मीडिया पर भी गौतम को धमकियां मिल रही हैं.
इतना ही नहीं उनके पर अज्ञात लोगों ने पत्थरबाजी भी की है. गौतम के घर को भी नुकसान पहुंचाया गया है. पुलिस ने संदेह जताया है कि ये अपराधिक तत्वों की हरकता है जो इलाके में तनाव पैदा करना चाहते हैं.
गौतम पेशे से मैकेनिकल इंजीनियर हैं और बेंगलुरु में काम कर रहे थे. जबकि अनशिदा सेंचुरी डेंटल कॉलेज, कसारगुड में बीडीएस के दूसरे साल में पढ़ रही थी.

लगातार मिलती धमकी

गौतम के माता-पिता शिक्षक हैं और उन्होंने बहू के तौर पर अनशिदा को स्वीकार भी किया है, लेकिन इस शादी से स्थानीय मुस्लिम समुदाय भड़का हुआ है.
गौतम ने बीबीसी हिंदी से बातचीत में कहा, "हर तरफ़ से हमें धमकी मिल रही है. अब इंटरनेट के जरिए फ़ोन कॉल्स आ रहे हैं, जिससे पता नहीं चलता है कि ये फ़ोन कहां से आ रहा है. हर दिन जान से मारने की धमकी दी जा रही है."
लेकिन गौतम इन धमकियों से डरे नहीं हैं. अपने घर पर उन्होंने बड़े उल्लास से मेरा स्वागत किया और कहा कि वे पूरे साहस के साथ अपने पत्नी की रक्षा करते रहेंगे.
दूसरी ओर अनशिदा ने बताया, "हमने एक दूसरे के प्यार में कई साल गुजारने के बाद शादी का फ़ैसला लिया. हम एक दूसरे को अच्छी तरह से जानने लगे थे. गौतम के माता-पिता और दूसरे संबंधी मुझे अपने घर की बेटी मानते हैं, बहू नहीं. मैं यहां पूरी तरह सुरक्षित महसूस कर रही हूं."
अनशिदा के मुताबिक गौतम और उनके परिवार वालों में किसी ने उन्हें धर्मांतरण करके हिंदू बनने को नहीं कहा. उन्होंने बताया कि इस्लामिक मान्यताओं को मानने में गौतम का परिवार उनकी मदद कर रहा है.

हर वक्त है ख़तरा

गौतम के पिता ने बताया, "बाहर से भले शांति दिख रही हो, लेकिन किसी भी दिन कुछ भी हो सकता है. मैं नहीं जानता वे क्या चाहते हैं."
वैसे गौतम इन दिनों अपने घर से बाहर नहीं निकलते. उन्होंने कहा, "मैं अभी भी घर से बाहर नहीं निकल पाता. वे पागल लोग हैं. मुझे नहीं मालूम वे कैसे रिएक्ट करेंगे."
स्थानीय मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के नेताओं के साथ गौतम-अनशिदा.
अनशिदा ने मुस्लिम बहुल इलाके में स्थित अपने मेडिकल कॉलेज से स्थांतरण का आवेदन भी जमा कराया है.
गौतम और उसके परिवार वालों को सुरक्षा मुहैया कराई गई है. स्थानीय स्तर पर मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने भी गौतम के परिवार वालों का समर्थन दिया है.
लेकिन गौतम को डर है कि उन्हें अपना घर छोड़ना होगा क्योंकि यहां लगातार ख़तरा बना रहेगा.
उन्हें अब नई नौकरी की तलाश है. बेंगलुरु में भी गौतम-अनशिदा का कुछ लोगों ने पीछा किया था. इस डर के चलते ही गौतम और अनशिदा अब विदेश में बसना चाहते हैं.

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